राजस्थान भूगोल
Geetanjali Academy- By Jagdish Takhar
राजस्थान मेें राष्ट्रीय उद्यान
1. रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यानः-
1955 से 1979 तक यह अभ्यारण्य था। 1974 में ‘‘प्रोजेक्ट टाईगर‘‘ से जुड़ा।
2. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान:-
3. मुकुन्दरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान:-
दर्रा 152.32 वर्ग कि.मी.
जवाहर सागर 37.98 वर्ग कि.मी.
चम्बल 5.25 वर्ग कि.मी.
आखेट निषिद्ध क्षेत्र:- 33
कुल 26719.94 वर्ग कि.मी. में विस्तृत
सबसे बड़ा: संवतसर-कोटसर (चुरू)
सबसे छोटा: संथाल सागर (जयपुर/दौसा सीमा)
33 आखेट निषिद्ध क्षेत्र 17 जिलों में विस्तृत है।
जोधपुर – 7 | अलवर – 2 | टोंक – 1 |
बीकानेर – 5 | जयपुर – 2 | जालौार – 1 |
अजमेर – 3 | बाड़मेर – 1 | सवाई माधोपुर – 1 |
चुरू – 1 | बूँदी – 1 | नागौर – 2 |
उदयपुर – 1 | पाली – 1 | चित्तौड गढ़ – 1 |
जैसलमेर – 2 | बांरा – 1 |
मृगवन:-
1 चित्तौडगढ़ मृगवन – चित्तौड
2 माचिया सफारी – जोधपुर
3 पुष्कर मृगवन – अजमेर
4 अमृता देवी – खेजड़ली, जोधपुर
5 सज्जन गढ़ – उदयपुर
6 संजय उद्यान – शाहपुरा, जयपुर
7 अशोक विहार – जयपुर
जंतुआलय :- कुल 5 है।
1 जयपुर – 1876 में स्थापित, सबसे बड़ा एवं पुराना।
2 उदयपुर
3 कोटा
4 बीकानेर
5 जोधपुर
अभ्यारण्य:-
अभ्यारण्य | प्रमुख जीव | |
1 | राष्ट्रीय मरू | गोड़ावण |
2 | सरिस्का | बाघ, हरे कबूतर, मोर |
3 | केसर बाग | जरख, लोमड़ी |
4 | वन विहार | जरख, बघेरा |
5 | राम सागर | गीदड़, भेडिया |
6 | बांध बारेठा | पक्षी, बाघ |
7 | ताल छापर | काले मृग, कुरंजा |
8 | रामगढ़ विषधारी | बाघ |
9 | कुम्भल गढ़ | भेडिया, भालु |
10 | सीतामाता | उड़न गिलहरी |
11 | सज्जन गढ़ | हिरण |
12 | माउण्ट आबू | जंगली मुर्गा, भालु |
13 | भैंसरोड़ गढ़ | घड़ियाल |
14 | फुलवारी की नाल | |
15 | जवाहर सागर | मगर, घडियाल |
16 | शेर गढ़ | साँप |
17 | कैलादेवी | जरख, बघेरा |
18 | दर्रा | गगरोनी तोते |
19 | सवाई मानसिंह | बाघ |
20 | नाहर गढ़ | जैविक पार्क, बघेरा, साही |
21 | जमवा रामगढ़ | चिड़िया |
22 | जयसमंद | लकड़बग्घा, सियार |
23 | टाड़गढ़ रावली | रीछ, जरख |
24 | बस्सी जरख | |
25 | राष्ट्रीय चम्बल | घडियाल, डाल्फिन |
राजस्थान की औद्योगिक नीति
राजस्थान में भारत सरकार के औद्योगिक उपक्रम
1. हिन्दुस्तान कॉपर लि. (भ्ब्स्):- 1967, मुख्यालय – कोलकाता।
प्रमुख परियोजनाएँ:-
2. हिन्दुस्तान जिंक लि. (भर््स्):- 1966, प्रधान कार्यालय – उदयपुर।
3. हिन्दुस्तान मशीन टूल्स (भ्डज्):- 1964, चेकोस्लोवाकिया के सहयोग से स्थापित किया गया अजमेर में।
इन्स्टूªमेन्ट लिमिटेड:- 1964 में कोटा में स्थापना।
4. सांभर साल्ट्स लि.:- 1964, सांभर (जयपुर) में।
5. राजस्थान ड्रग्स एण्ड फार्मास्यूटिकल्स लि.:- 1978 में जयपुर।
6. मॉडर्न बंेकरीज इण्डिया लिमिटेड:- 1965, जयपुर।
राज्य सरकार के औद्योगिक उपक्रम
→ भरतपुर (1957)
→ रैल वेगन बनाए जाते है।
राज्य के प्रमुख औद्योगिक निगम / संस्थाए
1. RIICO [Rajasthan State Industrial development and investment corporation Ltd.]
1979 में इससे RSMDC को अलग कर दिया गया।
(1) EPIP की स्थापना →
प्रथम – सीतापुरा
दूसरा – बोरनाडा
तीसरा – नीमराणा
(2) एपैरल पार्क:- RIICO द्वारा बगरू-छितरौली में विकसित किया जा रहा है।
(3) एग्रो फूड़ पार्क (झालावाड़):- निजी क्षेत्र के सहयोग से भ्वजपबनसजनतम भ्नइ
प्रथम – शनपुर (कोटा)
दूसरा – बोरनाड़ा (जोधपुर)
तीसरा – उद्योग विहार (गंगानगर)
चतुर्थ – अलवर
(4) इंट्रिग्रेटेड टेक्सटाईल पार्क:-
किशनगढ़ (अजमेर)
सेनियाणा (चित्तोड गढ़)
बलोतरा (बाड़मेर)
मण्डा-भिण्डा (कालाडेरा), जयपुर
(5) सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क:-
कनकपुरा (जयपुर)
(6) दस्तकारी औद्योगिक पार्क:-
पाल शिल्पग्राम (जोधपुर)
जैसलमेर
(7) बायोटेक्नोलॉजी पार्क:-
सीतापुरा चोपन्की (भिवाडी)
(8) इन्फ्रास्ट्रकचर पार्क:-
नीमराना (अलवर)
(9) सायबर पार्क:- जोधपुर
(10) स्पाईस पार्क (मसाला):- पहला कोटा
(10) जापानीज पार्क:- नीमराना (अलवर)
छपेेपदए डपजेनपए क्ंपापदए डपजेनइपेीप
– क्ंपदपबीप ब्वउचंदपमे के कार्यालय।
37 कम्पनियों के वाणिज्य कार्यालय।
(11) खुशखेडा (भिवाडी) – होण्डा सिटी
कार प्रोजेक्ट
(12) टपूकरा/टपूकड़ा – होण्डा मोटर
साईकल प्लान्ट।
2. RFC – Rajasthan Finance Corporation
प्रमुख योजना:-
(1) शिल्पबाडी योजना (1987-88)
(2) सेमफेक्स (SemFex)
(3) एकल खिडकी योजना (लघु एवं SSI Unit को 2 करोड़ धनराशि उपलब्ध कराना।)
(4) गुड बोरोवर्स लोन स्कीम
(5) गोल्ड कार्ड स्कीम
(6) प्लेटीनम कार्ड स्कीम
(7) सोरल स्कीम
3. RAJSICO – Rajasthan Small Industrial Corporation.
प्रमुख कार्य:-
(1) लघु उद्योगों को कच्चा माल, साख, तकनीक व प्रबन्धकीय सहायता उपलब्ध कराना।
(2) ‘राजस्थली‘ की नोडल एजेंसी है।
(3) सांगानेर में ‘एयर कारगो‘ का संचालन
(4) टोंक की मयूर छाप बीड़ी का संचालन
राज्य में औद्योगिक विकास के साथ जुड़े संस्थान
I. उद्योग निदेशालय राजस्थान राज्य उद्योग विभाग (1949):- यह जिला उद्योग केन्द्रों के लिए वार्षिक योजना बनाता है।
II. जिला उद्योग केन्द्र (1978):- वर्तमान में 36 कार्यरत है।
III. राजस्थान कन्सल्टेन्सी ऑर्गोनाइजेशन लि. (RAJCON):-
IV. उद्योग सम्वर्धन ब्यूरो (ठप्च्):- यह चीफ सेक्रेटरी के अधीन 10 करोड़ रू. तक के निवेश देखती है।
V. लघु उद्योग सेवा संस्थान (SISI)
VI. ग्रामीण गैर कृषि विकास अभिकरण ( RUDA : Rural Non-FARM Development Agency)
(1) ग्रामीण दस्तकारों के जीवन स्तर में सुधार लाना।
(2) उन्हें बाजार, आधुनिक तकनीक उपलब्ध कराना।
(3) हथकरघा विकास हेतु कार्य करना।
VII. राजस्थान खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड:-
स्थापना: 1 अप्रैल, 1955
कार्य:-
(1) खादी एवं ग्रामोद्योग के विकास की योजना बनाना।
(2) निम्न आय वर्ग के लोगों को कारीगरों को खादी-ग्रामोद्योग के
माध्यम से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना।
(3) कच्चे माल की व्यवस्था तथा तैयार माल का विपणन करना।
(4) सहकारी भावना को विकसित करना।
VIII. हेंडीक्राफ्ट बोर्ड: स्थापना 1991
IX. राजस्थान राज्य व्यवस्था विकास निगम:-
तेल क्षेत्र
राजस्थान खनिज संस्थान
मंत्रालय स्तर (खान विभागक्ष्राजकुमार रिवणाद्व):- यह निम्न लिखित संगठनों के माध्यम से खनिज एवं खान को नियंत्रित, निर्देशित एवं समन्वित करता है।
1. राजस्थान राज्य खनिज विकास निगम लि.(RSMDC)
2. राजस्थान राज्य टंगस्टन विकास निगम लि. स्थापना: 1983
RSMDC की सहायक कंपनी है। वर्तमान में इसकी दो परियोजनाएँ है।
(1) खेतगाँव (डेगाना – नागौर)
(2) वाल्दा (सिरोही)
3. राजस्थान राज्य खान एवं खनिज निगम लि. (RSMML) RSMDC से पृथक होकर निर्मित हुई है।
भारत में राजस्थान के खनिजों की स्थिति
राजस्थान का एकाधिकार
राजस्थान का महत्वपूर्ण स्थान
रास्थान में कम
पूर्ण एकाधिकार
खनिज वर्गीकरण
धात्विक खनिज: ऐसे खनिज जिनसे रासायनिक प्रक्रिया द्वारा मूल खनिज अलग किया जाता है।
(1) लोहा
(2) मेंगनीज
(1) सीसा-जस्ता
(2) चाँदी
(3) बेरेलियम
(4) ताँबा
(5) केडमियम
अधात्विक खनिज: ऐसे खनिज जिनसे रासायनिक प्रक्रिया द्वारा मूल खनिज को अलग नहीं किया जाता है।
(1) उष्मारोधी: एस्बेस्टेस, काँच बालुका, फेल्सपार, क्वार्टज, मेग्नेसाइट, वास्थेनाइट, चीनी मृतिका डोलो माइट।
(2) आणविक खनिज: अभ्रक, यूरेनियम
(3) बहुमूल्य खनिज: पन्ना, तामडा
(4) रासायनिक खनिज: नमक, बेराइटस, फ्लोराइट
(5) उर्वरक खनिज: जिप्सम, रॉक फॉस्फट, पाईराईट
धात्विक खनिज
1 | लौह अयस्क | |
मेरीजा बानोल | चौमू, सामोद | |
नीमला राइसेला | जयपुर, दौसा | |
डाबला सिंथाना | झुझुंनू | |
नाथरा पाल | उदयपुर | |
थूर हण्डेर | उदयपुर | |
2 | मैंगनीज | |
तलवाडा, लीलवानी | बांसवाडा | |
नेगडिया, स्वरूपपुरा | उदयपुर | |
3 | टंगस्टन | |
डेगाना भाकरी | नागौर | |
वाल्दा बडाबेरा | सिरोही | |
पडराला- बीजापुर | पाली | |
4 | सीसा-जस्ता | |
जावर | उदयपुर | |
राजपुर दरीबा, बामनिया | राजसमंद | |
रामपुरा आगुचा | भीलवाडा | |
चौथ का बरवाडा | सवाई माधोपुर | |
5 | ताँबा | |
खेतड़ी सिंघाना | झुंझुनू | |
खो-दरीबा | अलवर | |
बीदासर | चुरू | |
देलवाडा, केरवाली | उदयपुर | |
पुर दरीबा | भीलवाड़ा | |
6 | सोना | |
आनंदपुर भुकिया, जगपुरा | बांसवाड़ा | |
बासडी-बोरोदा | दौसा | |
7 | चाँदी | |
जावर | उदयपुर | |
रामपुरा अगुचा | भीलवाड़ा | |
8 | बेरेलियम | |
शिकारवाड़ी, चम्पागुढा | उदयपुर | |
देवड़ा | भीलवाड़ा | |
बान्दर सिंदरी | अजमेर |
अधात्विक खनिज
1 | एस्बेस्टॉस | |
ऋषभदेव, सलूम्बर | उदयपुर | |
नाथद्वारा, तिनी | राजसमंद | |
पीपरदा, देवल | डूंगरपुर | |
2 | फेल्सपार | |
मकरेरा, दादलिया | अजमेर | |
चावण्डिया | पाली | |
3 | काँच बालुका | |
झर, कानोता, बांसरवी | जयपुर | |
बडोदिया | बूंदी | |
नारायणपुर-टटवारा | सवाई माधोपुर | |
4 | चीनी मिट्टी | |
वसुव, रायसीना | सवाई माधोपुर | |
पाल | जालौर | |
बुचारा, टोरडा, पुरूषोत्तमपुरा | सीकर | |
5 | फायर क्ले | |
कोलायत | बीकानेर | |
बनिया खेडा | भीलवाड़ा | |
एरल | चित्तौड | |
6 | डोलोमाइट | |
जयपुर | 48% | |
अलवर | 23% | |
सीकर | 15% | |
7 | वॉलेस्टोनाइट | |
बेल्का, खिल्ला | सिरोही | |
रूपनगढ, पीसांगन | अजमेर | |
उपरला खेड़ा, सायरा | उदयपुर | |
8 | क्वार्टज | अजमेर, पाली, टोंक |
9 | अभ्रक | |
नात की नेरी | भीलवाड़ा | |
चम्पागुढा | उदयपुर | |
10 | पन्ना (Emerald) | |
कालागुमान | उदयपुर | |
टिक्की | चित्तौड | |
गोगुन्दा | गोगुन्दा | |
11 | तामड़ा (Garnet) | |
राजमहल | टोंक | |
सरवाड़ | अजमेर | |
12 | हीरा (Diamond) | |
केशरपुर | चित्तौड़ | |
अजमेर | ||
13 | चुना पत्थर | |
सानू क्षेत्र | जैसलमेर | |
निम्बाहेड़ा, शम्भुपुरा | चित्तौड़ | |
लाखेरी, इन्द्रगढ | बूंदी | |
गोटन, मूंडवा | नागौर | |
14 | जिप्सम (हरसौंठ, खडिया) | |
जामसर, थीरेश, सियासर, लूणकरणसर | बीकानेर | |
बिसरासर | गंगानगर | |
गोठ मंगलोद | नागौर | |
15 | रॉक-फॉस्फेट | |
झामरकोटडा | उदयपुर | |
बिरमानियाँ | जैसलमेर | |
सलोपेट | बांसवाड़ा | |
16 | पाइराइट्स | |
सलादीपुरा-खण्डेला | सीकर | |
17 | कोयला (लिग्नाइट) | |
फ्लाना, बरसिंगसर, हाडला | बीकानेर | |
18 | खनिज तेल | |
गुढ़ा मलानी, कवास, बायतू | बाडमेर | |
सादेवाला, तनोट | जैसलमेर | |
बाधेवाला | बीकानेर | |
19 | प्राकृतिक गैस | |
तनोट, घोटारू, डांडेवाला, मनिहारी | जैसलमेर | |
रागेश्वरी | बाड़मेर |
मृदा
_________
100%
भारतीय मृदा की प्रमुख समस्याएँ
(1) मृदा अपरदन ( Soil Erosion )
(2) उर्वरता में कमी ( Deficiency in Fertility)
(3) मरूस्थलीकरण ( Desertification )
(4) जलजमाव ( Waterlogging )
(5) लवणता एवं क्षारियता (Solini & Olkalinity)
मृदा अपरदन ( Soil Erosion )
(1) क्षुद्र सरिता (Rill Erosion)
Gully Erosion
(2) अवनालिका (Gully Erosion)
(3) परत (Sheet Erosion)
(4) अपस्फुरण (Splash Erosion)→ Sand & Silt
(5) भूस्खलन (Slip Erosion)
(6) सरिता तट (Stream Bank Erosion)
(7) पीटिका (Pedestal Erosion)
(8) हिमानी (Glacier Erosion)
(9) सागरीय (Marine Erosion)
(1) पश्त अपरदन
लवणता एवं क्षारता
लवणता (Salinity) – इसमें मृदा में सोडियम, केल्श्यिम एवं मेग्नेशियम के क्लोराईड एवं सल्फाईड की मात्रा अधिक हो जाती है।
राजस्थान की मिट्टियों का उनके भौगोलिक वितरण के आधार पर वर्गीकरण
1. रेतीली मृदा: वर्षा यहाँ न्यूनतम होती है। अरावली के पश्चिमी भाग में, रंग के आधार पर निम्न प्रकार की होती है।
(1) रेतीली बालु: 10 से.मी. वर्षा वाले क्षेत्रों में गंगानगर, बीकानेर, चुरू, जोधपुर, जैसलमेर, बाडमेर, जालौर।
(2) लाल-रेतीली मिट्टी: नागौर, जोधपुर, पाली, जालौर, चुरू, झुंझुनू।
(3) भूरी रेतीली मिट्टी: इसे सिरोजम भी कहा जाता है। उर्वरता कम होती है। बाडमेर, जालौर, जोधपुर, सिरोही, पाली, नागौर, सीकर, झुंझुनू।
(4) लवणीय मृदा: बीकानेर, नागौर, बाडमेर, जैसलमेर में पाई जाती है।
राजस्थान की मृदा का वैज्ञानिक वर्गीकरण
राजस्थान में मृदा समस्याएँ
राजस्थान मृदा की विशेषताएँ
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